बलोद:- जिले के डौंडीलोहारा ब्लाक में एक निराश कर देने वाली घटना सामने आई है जहाँ कुछ स्कूली बच्चों ने रतनजोत के बीज को काजू समझकर खा लिया। इससे उन बच्चों कि तबीयत बिगड़ गई और कुछ को अस्पताल पहुंचाया गया।
दरअसल पूरा मामला ग्राम पसौद के प्राइमरी स्कूल का है जहाँ के 7 बच्चों ने होलिका दहन के 1 दिन पहले स्कूल के पास उगे हुए तालाब के पार वाले रतन जोत के बीज खा लिए थे। जिससे उनकी तबियत उसी दिन बिगड़ गई और उन्हें स्कूल वालों द्वारा आनन फानन में इलाज करवाने की व्यवस्था करते हुए किसी को घर भेजा गया तो किसी को अस्पताल पहुंचाया गया।
मामले की जानकारी मिलते ही ग्राम के सरपंच पोषण देवांगन सहित सभी पंच और प्रमुख ग्रामीण स्कूल पहुंचे और स्कूल प्रबंधन संबंधित प्रधान पाठक और शिक्षकों को सावधानी बरतने कहा गया। सरपंच ने बताया कि 7 बच्चों में से एक को राजनांदगांव रेफर किया गया था जिसकी स्थिति ज्यादा खराब थी। बाकी का स्थानीय अस्पताल देवरी में इलाज चल रहा था अभी सब स्वस्थ हैं।
स्कूल खुलने के पहले खाए थे रतनजोत के बीज
बताई गई जानकारी के मुताबिक स्कूल खुलने के एक घंटे पहले बच्चे वहां पहुंच गए थे और स्कूल से लगे तालाब के आसपास खेल रहे थे। जहां रतनजोत की झाड़ियां उगी हुई हैं। उनके फल को देखकर बच्चों को लगा यह काजू है और वे उसे चांव से खाने लग गए।
लेकिन इसे खाने के एक घंटे बाद बच्चों की तबियत स्कूल के भीतर बिगड़ने लगी। किसी को उल्टियां होने लगी तो किसी के मन मस्तिष्क में नशा सा छाने लगा और चक्कर खाकर गिरने लगे। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने उनके इलाज की व्यवस्था शुरू की।
स्कूल की स्थिति भी चिंताजनक
स्कूल की हालात देखकर बहुत अफसोस महसूस किया जा रहा है। क्योंकि बार-बार मांग करने के बाद भी आज तक स्कूल मेंं बोर खनन कर रनिंग वाटर की व्यवस्था नहीं हो पाया न ही स्कूल प्रांगण में आहता मरम्मत और ना ही स्कूल प्रांगण में पेवर ब्लॉक के लिए बार बार मांग पत्र भेजे जाने के बाद भी स्कूल के व्यवस्था में अब तक कोई सुधार नही हो सका है।