Kawardha: सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने और बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन कबीरधाम जिले के शिक्षण संस्था में एक बड़ी ही चौकने वाली ख़बर सामने आई है।
ताजा मामला सुदूर वनांचल के कबीरपथरी के प्राथमिक विद्यालय का है, जहां बच्चे पढ़ते नहीं बल्कि रसोइया का काम करने स्कूल जाते हैं। यहां दो शिक्षक हैं, लेकिन दोनों शिक्षक लगातार गायब हैं। दरअसल, सरकार की मुफ्त पाठ्यपुस्तकों से लेकर मध्याह्न भोजन योजना के कारण सरकारी स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों के बजाय सरकारी स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं, लेकिन कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां बच्चों को पढ़ाने के बजाय शिक्षक उनसे बातचीत करते हैं।
ऐसा ही मामला बोड़ला विकासखंड के कबरीपथरा स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय से सामने आया है, जहां बच्चे पढ़ाई करने के बजाय खाना बनाते नजर आ रहे हैं. छात्रों की शिक्षा और देखभाल के लिए जिम्मेदार शिक्षक स्कूल से ही अनुपस्थित रहते हैं।
यहां पंजीकृत छात्रों की संख्या 30 है, लेकिन बच्चे स्कूल में पढ़ने नहीं आते बल्कि खाना बनाने और खाने आते हैं. शिक्षक बच्चों की पढ़ाई की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बच्चे भी खुशी-खुशी काम में लग जाते हैं, क्योंकि यह उन्हें पढ़ाई से बचाता है। शिक्षा विभाग द्वारा मॉनिटरिंग नहीं किए जाने के कारण सरकारी स्कूलों में इस तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं।
स्कूल के कमरे भी पूरी तरह से जर्जर हैं। ऐसे स्कूलों के शिक्षकों पर नकेल कसने की जरूरत है, ताकि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी महेन्द्र गुप्ता जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं और मामले में तत्काल जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।