आपने गाड़ी के टायरों में नीचे वॉल की तरफ दरारे देखी होंगी। यह दरारे किस वजह से आती हैं, इसके बारे में इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं 

वह गलती न करें जिससे आपकी गाड़ी के टायर जल्दी खराब हो जाए, क्योंकि कई बार दरार की वजह से टायर फटने का खतरा बना रहता है।

गाड़ी में बड़े साइज के टॉयर्स लगाना। 

ऐसा कई बार देखा गया है कि लोग मॉडिफिकेशन के इतने दीवाने होते हैं कि नई गाड़ी खरीदते ही उसमें थोड़े बड़े साइज के टायर्स लगवा लेते हैं।

चलते गाड़ी जब चलती है तो उस तरीके से बैलेंस नहीं बना पाती है, जितना बनाना चाहिए। इससे भी टायर में दरार आने की शिकायत आती रहती हैं।

टायर्स में कम हवा में गाड़ी चलाना

 गाड़ी में कम हवा होने के बावजूद भी उसको कई किलोमीटर तक चलाते रहते हैं। जिसके कारण टायर में दरार आने लगती है।

टायर में दरार आना यह दर्शाता है कि उसको तत्काल चेंज कर देना चाहिए, नहीं तो आने वाले समय में वह आपको बीच रास्ते में धोखा दे सकती है।

 टायर रोटेशन चेक करवाते समय बहुत से लोग को नहीं पता है कि टायर रोटेशन चेक करवाने के कारण अनियमित तरीके से टायर्स रोटेट होने लगते हैं,

जिससे उसमें दरार आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि जब भी गाड़ी की सर्विसिंग करवाने जाए तो उस समय आप टायर का रोटेशन जरूर चेक करवाएं।

टायरों को कितने समय के बदलना चाहिए ?

सामान्य तौर पर टायर के साइडवॉल पर पड़ने वाली दरारों की क्षति की तुरंत मरम्मत की जानी चाहिए। हालांकि, अगर कट उथला या कम है

कोई नुकसान नहीं है। टायरों में इस तरह के दरार, कट या उभर आने के बहुत-से कारण हो सकते हैं। जैसे कि मौसम का असर,

टायर का जीवन काल कम होना, पंक्चर आदि का होना। अगर दरारें ज्यादा गहरी है तब आपको टायर जरूर से बदलना होगा।

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ऐरो